NIOS 10th Hindi Chapter 18 | कक्षा 10 हिंदी नाखून क्यों बढ़ते हैं? प्रश्न उत्तर

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. कुछ लाख वर्ष पूर्व नाखून मनुष्य के लिए क्या थे?

(क) उपयोगी हथियार

(ख) सौंदर्य के प्रतीक

(ग) मनुष्यता की पहचान

(घ) अनावश्यक अंग

उत्तर : (क) उपयोगी हथियार

2. ‘स्वाधीनता’ शब्द का अर्थ है-

(क) अनधीनता

(ख) उच्छृंखलता

(ग) अपनी अधीनता

(घ) मुक्ति

उत्तर : (ग) अपनी अधीनता

3. पशुता से आशय है-

(क) पशु की विशेषता

(ग) पशु के प्रति दृष्टिकोण

(ख) पशु का व्यवहार

(घ) बुरी प्रवृत्तियाँ

उत्तर : (घ) बुरी प्रवृत्तियाँ

4. निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प गलत है-

(क) लाखों वर्ष पूर्व का मनुष्य दाँत और नाखून

(ख) रामचन्द्रजी की वानरी सेना पत्थर के ढेले और पेड़ की डालें

(ग) नाग, सुपर्ण, यक्ष, गंधर्व लोहे के अस्त्र और घोड़े

(घ) देवताओं का राजा इंद्र दधीचिं मुनि की हड्डियों से बना वज

उत्तर : (ग) नाग, सुपर्ण, यक्ष, गंधर्व लोहे के अस्त्र और घोड़े

5. लेखक निराश क्यों होता है?

(क) नाखून बढ़ने के कारण

(ख) नाखून काटने के कारण

(ग) मनुष्य द्वारा पशुता को जीत न पाने के कारण

(घ) नाखूनों के हथियार न रह जाने के कारण

उत्तर : (ग) मनुष्य द्वारा पशुता को जीत न पाने के कारण

6. सहजात वृत्तियाँ क्या होती हैं?

(क) औपचारिक रूप से सीखी हुई प्रवृत्तियाँ

(ख) नकल करके प्राप्त की गई प्रवृत्तियाँ

(ग) जन्म के साथ उत्पन्न होने वाली प्रवृत्तियाँ

(घ) समाज में साथ रहने से आने वाली प्रवृत्तियाँ

उत्तर : (ग) जन्म के साथ उत्पन्न होने वाली प्रवृत्तियाँ

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

7. नए-पुराने में से बेहतर को चुनने के लिए क्या करना पड़ता है?

(क) जाँच-परख

(ख) देख-रेख

(ग) माप-तौल

(घ) काट-छाँट

उत्तर : (क) जाँच-परख

8. ‘मरे हुए बच्चे को गोद में दबाए रखने वाली बंदरिया’ का उदाहरण देने का उद्देश्य है?

(क) मोह-ममता को बनाए रखना

(ख) परंपराओं का पालन करना

(ग) रूढ़ियों का मोह त्यागना

(घ) नए को शंका की दृष्टि से देखना

उत्तर : (ग) रूढ़ियों का मोह त्यागना

9. मनुष्य पशु से किस बात में भिन्न है?

(क) आहार

(ख) निद्रा

(ग) संयम

(घ) भय

उत्तर : (ग) संयम

10. महात्मा गांधी ने किस बात पर अधिक बल दिया?

(क) उन्मुक्तता पर

(ख) बड़े उद्योगों पर

(ग) भौतिकता पर

(घ) आत्मतोष पर

उत्तर : (घ) आत्मतोष पर

11. आदमी की पूँछ झड़ गई क्योंकि वह-

(क) कम उपयोगी थी

(ख) अनुपयोगी थी

(ग) असुविधाजनक थी

(घ) पशुता की निशानी थी

उत्तर : (ख) अनुपयोगी थी

12. शस्त्रों की बढ़त को रोकना क्यों आवश्यक है?

(क) देश-हित के लिए

(ख) महत्त्वाकांक्षा के लिए

(ग) मानव-कल्याण के लिए

(घ) आत्मकल्याण के लिए

उत्तर : (ग) मानव-कल्याण के लिए

13. अभ्यास और तप से प्राप्त वस्तुएँ मनुष्य की महिमा को सूचित करती है, क्योंकि-

(क) ये मनुष्य को अधिकाधिक सफल बनाती है।

(ख) उनसे अधिक-से-अधिक उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।

(ग) उनसे मनुष्य बहुत शक्तिशाली बनता है।

(घ) उनसे मनुष्य का संघर्ष व्यक्त होता है।

उत्तर : (घ) उनसे मनुष्य का संघर्ष व्यक्त होता है।

1. प्रश्न :  लेखक के अनुसार प्राचीन काल में नाखून का बढ़ना अच्छा माना जाता होगा और अब नाखून का काटना अच्छा माना जाता है- आपकी दृष्टि में इस अंतर का कम से कम एक कारण क्या है?

उत्तर : कभी नाखून मनुष्य के लिए हथियार की तरह उपयोगी होते थे, इसलिए प्राचीन समय में नाखून बढ़ाना एक आवश्यकता थी और इसे अच्छा माना जाता था। लेकिन समय के साथ जब मनुष्य ने बाहरी हथियार विकसित कर लिए, तो नाखूनों की आवश्यकता कम हो गई। अब नाखूनों को काटना स्वच्छता और सुविधा के लिए जरूरी माना जाता है।

2 प्रश्न :  अस्त्र-शस्त्रों के बढ़ते हुए प्रयोग ने आम आदमी के जीवन को प्रभावित किया है- इस संबंध में अपने विचार लगभग सौ शब्दों में लिखिए।

उत्तर : अस्त्र-शस्त्रों के बढ़ते उपयोग ने मनुष्य को और अधिक क्रूर बना दिया है। जैसे-जैसे इतिहास आगे बढ़ा, मनुष्य ने उन्नत हथियार बनाना सीख लिया। उसने अपने हवाई जहाजों से दुश्मन देशों पर बम गिराने शुरू कर दिए। उदाहरण के तौर पर, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर बम गिराकर लाखों निर्दोष लोगों की जान ले ली। इन हथियारों के उपयोग से मनुष्य ने मानवता को कलंकित किया है और उसे पशुता के स्तर से ऊपर उठने नहीं दिया। आज भी ये हथियार मनुष्य को उसकी पशुवत प्रवृत्ति की याद दिलाते हैं।

3. प्रश्न :  भारतीय संस्कृति में ‘स्व’ के बंधन को क्यों आवश्यक माना गया है? एक उदाहरण देते हुए अपने विचारों की पुष्टि कीजिए।

उत्तर : भारतीय सोच की खासियत यह है कि वह स्वतंत्रता को सिर्फ बंधन मुक्त होने के रूप में नहीं देखती, बल्कि इसे स्व से जोड़कर समझती है। यह हमारी गहरी सांस्कृतिक परंपराओं का नतीजा है, जहां स्व का महत्व हमेशा से रहा है। हमारी संस्कृति की खूबी यही है कि हम अपनी जिम्मेदारी और स्व अनुशासन को अपने बंधन के रूप में अपनाते हैं। यही कारण है कि जब भी स्वतंत्रता की बात हुई, तो उसे स्वतंत्रता, स्वराज्य और स्वाधीनता जैसे शब्दों से परिभाषित किया गया, जिनमें स्व का महत्व हमेशा शामिल रहा।

4. प्रश्न : (क) गांधी जी किस प्रकार के सुखों को मानव जाति के लिए श्रेष्ठ मानते थे? 

(ख) क्या आप उनसे समहत हैं, तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर : 

क. गांधीजी का मानना था कि सच्चे सुख के लिए मन से हिंसा को मिटाना चाहिए, झूठ को त्यागना चाहिए, क्रोध और द्वेष से दूर रहना चाहिए। उन्होंने सिखाया कि लोक कल्याण के लिए कष्ट सहने को तैयार रहना चाहिए, आराम की जगह प्रेम और आत्मसंतोष पर ध्यान देना चाहिए, और हमेशा कार्य करने की भावना रखनी चाहिए।

ख. मैं गांधीजी के विचारों से पूरी तरह सहमत हूँ। हमारे अंदर से हिंसा को मिटाना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह हमारी पशु प्रवृत्ति को बढ़ावा देती है। क्रोध और द्वेष को त्यागना हमें एक बेहतर इंसान बनाता है। प्रेम ही मनुष्यता का सबसे बड़ा गुण है, और यह हमें सच्चा सुख और शांति प्रदान करता है।

5. प्रश्न : आप ऐसे कौन से दो मानवीय मूल्य को अपनाना चाहेंगे जिससे आपका भविष्य निर्मित हो। वर्णन कीजिए।

उत्तर : मैं हिंसा से दूर रहकर प्रेम का प्रसार करना चाहता हूँ। मनुष्य और पशु में मुख्य अंतर यह है कि मनुष्य के पास संयम और त्याग की क्षमता है। वह दूसरों के दर्द को समझ सकता है और उसे दूर करने के उपाय कर सकता है। यह तभी संभव है जब मनुष्य के भीतर प्रेम हो। प्रेम वह शक्ति है जो मानव कल्याण से गहराई से जुड़ी हुई है। आज भी हम अस्त्र-शस्त्रों का उपयोग कर अपनी पशुता को प्रदर्शित कर रहे हैं। मैं इस पशुता को खत्म करने और अपने भीतर प्रेम और मानवता को बढ़ाने के लिए हिंसा से पूरी तरह दूर रहूँगा।

6. प्रश्न : पाठ में आए निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए-

(i) प्रश्न : लोहा लेना

उत्तर : लोहार लेना – संघर्ष करना या युद्ध करना।

उदाहरण: रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेज़ों के खिलाफ कई युद्धों में लोहा लिया।

अर्थ: रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेज़ों के साथ कई बार संघर्ष किया और बहादुरी से युद्ध किया।

(ii) प्रश्न : कीचड़ में घसीटना 

उत्तर : कीचड़ में घसीटना – ख़ुद परेशानी में रहकर दूसरे को भी परेशानियों में डालने की कोशिश करना।

उदाहरण – वह खुद तो फेल हो गई है और अब मुझे भी अपनी परेशानियों में फँसाकर कीचड़ में घसीटने की कोशिश कर रही थी।

(iii) प्रश्न : कमर कसना

उत्तर : कमर कसना – पूरी तैयारी करना।  

उदाहरण: भारतीय क्रिकेट टीम ने अगले मैच के लिए पूरी तरह से अपनी कमर कस ली है।

7. प्रश्न : ‘त्व’ तथा ‘ता’ प्रत्यय वाले चार-चार शब्द लिखिए।

उत्तर : 

त्व प्रत्यय के उदाहरण:
गुरुत्व, पुरुषत्व, देवत्व, व्यक्तित्व, मित्रत्व, मनुष्यत्व।

ता प्रत्यय के उदाहरण:
लघुता, अज्ञानता, निश्चयता, विभिन्नता, सरलता, पवित्रता।

8. प्रश्न : पाठ से उदाहरण देते हुए हजारीप्रसाद द्विवेदी की भाषा-शैली पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर : द्विवेदी जी की भाषा में तत्सम शब्दों का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, जैसे- वृहत्तर, आत्मतोषण आदि। इसके साथ ही, उन्होंने आम बोलचाल के शब्दों का भी प्रयोग किया है, जिससे विषय सरल, सहज और स्पष्ट बन जाता है, जैसे- झगड़े। उनकी भाषा में मुहावरों और लोकोक्तियों का अत्यंत सुंदर उपयोग देखने को मिलता है। लेखक छोटे और बड़े वाक्यों का कुशलता से प्रयोग करके अपनी भाषा को प्रभावशाली बनाते हैं। उनकी दृष्टि गहरी और पैनी है, जो शब्दों के सटीक चयन और उनके सांकेतिक अर्थ को स्पष्ट करने में झलकती है। द्विवेदी जी के निबंधों में पाठकों को कहानी जैसा आनंद मिलता है।