सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
प्रश्न : 1. मानवीकरण का अर्थ है-
(क) जो मानव नहीं, उसे मानव के रूप में कल्पित करना
(ख) दूसरों के सुख-दुख को अपना सुख-दुख मानना
(ग) पेड़, पहाड़, नदी आदि के प्रति चिंता प्रकट करना
(घ) सच्चा मनुष्य बनने की क्रिया
उत्तर : (क) जो मानव नहीं, उसे मानव के रूप में कल्पित करना
प्रश्न : 2. पर्यावरण का अर्थ है-
(क) मनुष्य के लिए अनिवार्य आस-पास की प्राकृतिक स्थिति
(ख) प्राकृतिक आपदाएँ, जैसे भूकंप, बाढ़, सूखा आदि
(ग) वृक्षों, नदियों, पहाड़ों को मनुष्य के रूप में चित्रित करना
(घ) प्रकृति को सूक्ष्मता के साथ देखने की क्षमता
उत्तर : (क) मनुष्य के लिए अनिवार्य आस-पास की प्राकृतिक स्थिति
प्रश्न : 3. कविता में पेड़ों के हजारों हजार हाथों के हिलने से अभिप्राय है-
(क) खुशी से झूम उठना
(ख) रक्षा की गुहार लगाना
(ग) तूफ़ान से काँपना
(घ) हवा से थिरकना
उत्तर : ख) रक्षा की गुहार लगाना
प्रश्न : 4. निम्नलिखित कथनों में से सही के आगे (√) और गलत के आगे (X) का निशान लगाइए :
(क) ‘नदियाँ मुँह ढाँपकर रोती हैं’ का अर्थ है- उनकी पीड़ा को कोई समझ नहीं रहा। (√)
(ख) ‘नदियाँ मुँह ढाँपकर रोती हैं’ में मानवीकरण है। (√)
(ग) प्राकृतिक संसाधनों का मनमाना उपयोग हमारा अधिकार है। (X)
(घ) ‘सोचा है कभी कि उस घाट…’ प्रश्न के द्वारा कवयित्री घाट की सराहना करना चाहती है। (X)
प्रश्न : 1. हृदय-विदारक का अर्थ देने वाला मुहावरा कौन-सा है-
(क) सीने पर पहाड़ रखा होना
(ख) छाती पर साँप लोटना
(ग) दिल दहलना
(घ) कलेजे पर पत्थर रखना
उत्तर : (क) सीने पर पहाड़ रखा होना
प्रश्न : 2. ‘खून की उल्टियाँ करते… अपने घर के पिछवाड़े’ पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री-
(क) चंद लोगों के विकास की यातना झेलने वाले वर्ग की पीड़ा का संकेत करती है।
(ख) घर के पिछले भागों को साफ़-सुथरा रखने का आग्रह करती है।
(ग) प्रकृति पर मनुष्य की विजय का उद्घोष करती है।
(घ) और (ग) दोनों
उत्तर : (क) चंद लोगों के विकास की यातना झेलने वाले वर्ग की पीड़ा का संकेत करती है।
प्रश्न : 3. निम्नलिखित कथनों में से सही के आगे (√) और गलत के आगे (X) का निशान लगाइए :
(क) हमें जल का उपयोग करते हुए भावी पीढ़ी का ध्यान रखना चाहिए। (√)
(ख) कवयित्री ने विकास के लिए पहाड़ों को विस्फोट से उड़ाना मनुष्य की मजबूरी बताया है। (X)
(ग) पहाड़ पृथ्वी की रक्षा के लिए आवश्यक हैं, इसलिए इन्हें ‘भूधर’ भी कहते हैं। (√)
(घ) व्यक्तिगत स्वार्थ प्राकृतिक संसाधनों का सबसे बड़ा दुश्मन है। (√)
प्रश्न : 1. ‘बूढ़ी पृथ्वी का दुख’ कविता में कौन-सी विशेषता नहीं मिलती?
(क) मानवीकरण
(ख) प्रश्न शैली
(ग) दृश्यात्मकता
(घ) ओजस्विता
उत्तर : (घ) ओजस्विता
प्रश्न : 2. मानवीकरण नहीं है-
(क) पेड़ों का चीत्कार
(ख) नदियों का रोना
(ग) मौन समाधि लिए बैठा पहाड़
(घ) पेड़ की हिलती टहनियाँ
उत्तर : (घ) पेड़ की हिलती टहनियाँ
NIOS कक्षा 10वीं हिंदी बूढ़ी पृथ्वी का दुख महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न : 1. पर्यावरण का अर्थ लिखिए। हमें पर्यावरण की रक्षा करने का दायित्व क्यों निभाना चाहिए?
उत्तर : हमारे आसपास जो कुछ भी है, वही पर्यावरण है। जिस ज़मीन पर हम खड़े हैं, जिस हवा में सांस लेते हैं, पानी, बारिश, तूफान, आकाश, समुद्र और मिट्टी – ये सब पर्यावरण का ही हिस्सा हैं। लेकिन हमने इसे बहुत हद तक असंतुलित कर दिया है। आज पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं हमारे सामने गंभीर रूप से खड़ी हैं। अब समय आ गया है कि हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले सभी कारणों को रोकें और अधिक से अधिक पेड़ लगाकर इसे संरक्षित करें।
प्रश्न : 2. प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक उपयोग से होने वाली हानियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर : आज हमने कोयला और पेट्रोल का बेधड़क उपयोग करके पूरे ग्रह की हवा को प्रदूषित कर दिया है। इसके चलते लाखों लोग फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का सामना कर रहे हैं। प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन की वजह से जल संकट पूरी दुनिया पर गहराता जा रहा है, और जो पानी नदियों में बचा है, वह भी तेजी से प्रदूषित होता जा रहा है। शहरीकरण के बढ़ते दायरे ने जलवायु ऊष्मन (ग्लोबल वॉर्मिंग) जैसी गंभीर समस्या को जन्म दे दिया है।
प्रश्न : 3. संवेदनशीलता का विस्तार करने में कवियों की क्या भूमिका है- ‘बूढ़ी पृथ्वी का दुख’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए। आप किस माध्यम से यह कार्य कर सकते हैं- यह भी लिखिए।
उत्तर : कवि अपनी कविताओं के माध्यम से संवेदनशीलता को बढ़ावा देता है। इस कविता में कवि ने वस्तुओं का मानवीकरण करते हुए गहरे भावों को प्रकट किया है। जब कवि बूढ़ी पृथ्वी के दुख की बात करता है, तो यह एक अनोखी संवेदना और मानवीय अनुभूति को जन्म देता है। मैं भी कविताओं के जरिये लोगों को जागरूक कर सकता हूं और पर्यावरण संरक्षण में अपनी खास भूमिका निभा सकता हूं |
प्रश्न : 4. पानी के प्रदूषण के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए। उन कारणों के निदान के बारे में टिप्पणी कीजिए।
उत्तर : हम अपने शहर का पूरा कचरा नदियों में डाल रहे हैं। लोग नदियों के किनारे कपड़े धोते हैं, और खेती में इस्तेमाल किए जा रहे कीटनाशक भी नदियों में जाकर मिल रहे हैं। हमने बड़े-बड़े उद्योग लगाए, जिनसे निकलने वाला प्रदूषित पानी भी नदियों में बहा दिया गया। यही नदियां हमें पीने का पानी देती हैं, लेकिन अब यह पानी बेहद प्रदूषित हो चुका है।
प्रश्न : 5. ‘बूढ़ी पृथ्वी का दुख’ कविता में मानवीकरण किस प्रकार किया गया है- उल्लेख कीजिए।
उत्तर : बूढ़ी पृथ्वी का दुख में मानवीकरण:
- कुल्हाड़ियों के डर से पेड़ों की चीख-पुकार।
- पेड़ों की हिलती टहनियाँ, जैसे बचाव के लिए पुकारते अनगिनत हाथ।
- अंधेरे में अपना चेहरा छुपाकर रोती हुई नदियाँ।
- मौन समाधि में बैठे पहाड़ का दर्द भरा सीना।
- बिखरते पत्थरों की हृदय विदारक चीखें।
- खून की उल्टियाँ करती हुई जहरीली हवाएँ।
- बूढ़ी पृथ्वी का अंतहीन दुख।
यहाँ हर दृश्य को मानवीकरण के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है, जिससे गहरी संवेदनाएँ उत्पन्न होती हैं। ये भाव न केवल प्रकृति के प्रति करुणा जगाते हैं, बल्कि मानवता के साथ एक आत्मीय संबंध स्थापित करते हैं।
प्रश्न : 6. मनुष्य के प्रकृति-विरोधी व्यवहार को मानव-विरोधी व्यवहार क्यों कहा जा सकता है- उल्लेख कीजिए।
उत्तर : मनुष्य ने ही प्रकृति का संतुलन बिगाड़ा है, और आज इसी असंतुलन के लिए वह खुद जिम्मेदार है। मनुष्य प्रकृति से अलग कोई चीज़ नहीं है। जब वायु प्रदूषित होती है, तो उसका असर सीधे मनुष्य के फेफड़ों पर पड़ता है। यदि पानी दूषित होता है, तो हैजा और क्लोरिया जैसी बीमारियां फैलती हैं। रेडियोधर्मी पदार्थों के स्राव से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं पैदा होती हैं। इसका सीधा मतलब है कि जितना हम प्रकृति के खिलाफ काम करेंगे, उतना ही हम अपने ही खिलाफ काम कर रहे होंगे। इसलिए, प्रकृति का विरोध करना, मानव का विरोध करने के समान है।
प्रश्न : 7. ‘दिल दहलना’, ‘हृदय विदारक’ और ‘छिटकना’ का उचित प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य लिखिए।
दिल दहलना:
1. विस्फोट की आवाज ने मेरा दिल दहला दिया।
2. उसकी मौत की खबर सुनकर मेरा दिल दहल गया।
हृदय विदारक:
1. आज जिस तरह पूरी पृथ्वी प्रदूषण की चपेट में है, वह नज़ारा हृदय विदारक है।
2. दो भाइयों की लड़ाई में एक भाई का मारा जाना एक हृदय विदारक घटना है।
छिटकना:
1. उसके आते ही वह तुरंत छिटककर दूर हो गया।
2. भीड़ में आतंकवादी की मौजूदगी की खबर सुनते ही वह छिटककर अलग हो गया।
प्रश्न : 8. उपयुक्त मिलान कीजिए :
सुनना बूढ़ी पृथ्वी का दुख
देखना हवा का खून की उल्टियाँ करना
महसूस करना नदियों का मुँह ढाँपकर रोना
बतियाना पहाड़ का सीना दहलना
उत्तर :
सुनना – नदियों का मुँह ढाँपकर रोना
देखना – हवा का खून की उल्टियाँ करना
महसूस करना – पहाड़ का सीना दहलना
बतियाना – बूढ़ी पृथ्वी का दुख
प्रश्न : 9. संज्ञा शब्द वे शब्द हैं, जो किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नाम के लिए प्रयुक्त होते हैं। संज्ञा की विशेषता बताने वाले रूप को विशेषण कहते हैं। क्रिया से किसी कार्य को करने का या किसी स्थिति में होने का बोध होता है। कभी-कभी कार्य अथवा कार्य करने की रीति भी संज्ञा के विशेषण के रूप में होती है।
निम्नलिखित में से किस विकल्प में कार्य करने की रीति संज्ञा के विशेषण के रूप में नहीं है-
उत्तर : सवाल का जवाब ढूंढने के लिए हमें यह देखना होगा कि दिए गए विकल्पों में से कहां कार्य करने की रीति (क्रिया के विशेषण का रूप) नहीं है।
- (क) कुल्हाड़ियों के वार सहते पेड़
- यहाँ “सहते” शब्द कार्य करने की रीति बता रहा है।
- (ख) बचाव के लिए पुकारते हज़ारों-हज़ार हाथ
- यहाँ “पुकारते” शब्द कार्य करने की रीति दर्शा रहा है।
- (ग) मौन समाधि के लिए बैठे पहाड़ का सीना।
- यहाँ “बैठे” कार्य की स्थिति को तो दर्शा रहा है, लेकिन यह कार्य करने की रीति नहीं है।
- (घ) हवा घर के पिछवाड़े खून की उल्टियाँ करती है।
- यहाँ “करती है” क्रिया की रीति को दर्शा रही है।
सही उत्तर: (ग) मौन समाधि के लिए बैठे पहाड़ का सीना।
- यहाँ “बैठे” कार्य की स्थिति को तो दर्शा रहा है, लेकिन यह कार्य करने की रीति नहीं है।