प्रश्न : 1. नगर के लोग राजकुमार की प्रतिमा की तारीफ करते थे, क्योंकि-
(क) जब वह जीवित था, तो लोगों की सहायता करता था।
(ख) उसकी प्रतिमा में बहुमूल्य वस्तुएँ लगी थीं।
(ग) मूर्ति बनने पर राजकुमार का आत्म-विस्तार हो गया था।
(घ) प्रतिमा में विश्व भर के कलाकारों की प्रतिभा लगी थी।
उत्तर : (ख) उसकी प्रतिमा में बहुमूल्य वस्तुएँ लगी थीं।
प्रश्न : 2. मनुष्यों को नहीं. एक मूर्ति को दूसरों के दुख दिखते हैं इसमें क्या है?
(क) विडंबना
(ख) मनुष्य का स्वभाव
(ग) चमत्कार
(घ) मनुष्य-विरोधी भाव
उत्तर : (क) विडंबना
प्रश्न : 3. सुखी राजकुमार का हृदय भट्टी में न गलने का अभिप्राय है:
(क) भ्रष्ट अधिकारियों के कारण जस्ते में मिलावट होना
(ख) दान करते हुए राजकुमार की संवेदनाओं का चुक जाना
(ग) गौरैया का साथ पाने के लिए कूड़ेदान में फेंके जाने का यत्न
(घ) संवेदनाओं को स्वार्थ सिद्धि का साधन न बनने देना
उत्तर : (घ) संवेदनाओं को स्वार्थ सिद्धि का साधन न बनने देना
प्रश्न : 4. गौरैया सुखी राजकुमार के सान्निध्य में क्या सीखती है ?
(क) तरस खाना
(ख) निस्वार्थ प्रेम
(ग) दया करना
(घ) आत्म-विश्लेषण
उत्तर : (ख) निस्वार्थ प्रेम
प्रश्न : 5. मिस्र देश का बार-बार जिक्र करने से गौरैया के चरित्र की किस बात का पता लगता है ?
(क) बात को टालने की प्रवृत्ति का
(ख) साथियों के प्रति अटूट लगाव का
(ग) पर्यटन के प्रति उन्माद का
(घ) अनोखेपन और ऐश्वर्य के प्रति लगाव का
उत्तर : (घ) अनोखेपन और ऐश्वर्य के प्रति लगाव का
प्रश्न : 6. निम्नलिखित में से मुहावरा कौन-सा है?
(क) बूँद टप-से गिरना
(ख) विहार करना
(ग) हाँ-में-हाँ मिलाना
(घ) मार से बच जाना
उत्तर : (ग) हाँ-में-हाँ मिलाना
प्रश्न : 7. ‘मैं इसी जगह पर ठहरूंगी’ अर्थ को ठीक तरह से व्यक्त करने वाला उपयुक्त वाक्य
(क) मैं यहाँ ठहरूंगी
(ख) मैं यहाँ ही ठहरूंगी
(ग) मैं यहीं ही ठहरूंगी
(घ) मैं यहीं ठहरूँगी
उत्तर : (घ) मैं यहीं ठहरूँगी
प्रश्न : 8. मानवीय गुणों को मानवेतर प्राणियों द्वारा व्यक्त करने में है-
(क) चमत्कार
(ख) विषमता
(ग) विसंगति
(घ) विडंबना
उत्तर : (घ) विडंबना
NIOS कक्षा 10वीं हिंदी सुखी राजकुमार महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न : 1.राजकुमार के जीवन-काल और प्रतिमा बनने के बाद के राजकुमार के व्यक्तित्व की तुलना कीजिए और बताइए कि आपको कौन-सा रूप पसंद है और क्यों?
उत्तर : राजकुमार अपने जीवनकाल में भोग-विलास में डूबा हुआ एक व्यक्ति था, जिसे बाहर की दुनिया की कोई चिंता नहीं थी। लेकिन जब वह एक मूर्ति में बदलता है, तो उसमें संवेदनशीलता और ममता की झलक दिखाई देती है। यह मूर्ति समाज में अपना योगदान देने के लिए उत्सुक है। मुझे वह राजकुमार अधिक पसंद है जो एक संवेदनशील मूर्ति के रूप में शहर के लोगों की समस्याओं को देखकर खुद भी परेशान हो उठता है।
प्रश्न : 2. गौरैया के व्यक्तित्व में आने वाले परिवर्तन पर अपनी टिप्पणी लिखिए।
उत्तर : गौरैया के व्यक्तित्व में बदलाव का मुख्य कारण राजकुमार के साथ समय बिताना है, जिससे उसके अंदर दूसरों के प्रति ममता और संवेदनशीलता जाग्रत होती है। इस बदलाव के पीछे दो मुख्य अनुभव हैं – पहला, वह दुख जो उसने राजकुमार के साथ देखा, और दूसरा, एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आना जो मानवीय गुणों से भरपूर था। इन दोनों अनुभवों ने गौरैया को बदल दिया, और उसने दूसरों के प्रति अपनी भावनाओं को नया रूप दिया |
प्रश्न : 3. ‘सुखी राजकुमार’ कहानी में चित्रित नगर से अपने परिवेश की तुलना कीजिए।
उत्तर : राजकुमार की मूर्ति वाला नगर और मेरा नगर कई मायनों में एक जैसे हैं। जैसे मूर्ति उस गंदी गली की ओर इशारा करती है, वैसी ही गंदी गलियाँ मेरे शहर में भी हैं। इन गलियों में रहने वाले लोग अभावों में जी रहे हैं, उनकी ज़िंदगी एक संघर्ष की कहानी है। न तो साफ़ पानी है, न साफ़ हवा, और न ही कोई सही रोजगार के अवसर। ये लोग गरीबी और दुख के साये में जीने को मजबूर हैं। जैसे एक सक्षम नाटककार अभावों से जूझ रहा है, वैसे ही मेरे आसपास भी ऐसे कई लोग हैं, जिनमें अपार क्षमता है, लेकिन फिर भी वे अभावों से लड़ रहे हैं।
प्रश्न : 4. ‘सुखी राजकुमार’ कहानी में बच्चों की स्थिति का मूल्यांकन कीजिए और स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अपने सुझाव लिखिए।
उत्तर : कहानी “सुखी राजकुमार” में बच्चों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। एक दृश्य में, एक बच्चा बुखार से तड़प रहा है, जबकि उसकी माँ को अपनी रोज़ की मेहनत जारी रखनी पड़ रही है। दूसरी ओर, एक लड़की मजबूरी में व्यापार करती है, और जब उसका सौदा विफल हो जाता है, तो उसे यह डर सता रहा है कि अब उसके पिता उसे सजा देंगे। एक और जगह, बच्चे भीख मांग रहे हैं, उनकी आँखों में उम्मीद की एक झलक भी नहीं बची। ऐसे में अमीरों को चाहिए कि वे अपने संसाधनों को गरीब बच्चों के साथ बाँटें, ताकि उनकी ज़िंदगी में कुछ राहत और उम्मीद की किरण आ सके।
प्रश्न : 5. ‘सुखी राजकुमार’ कहानी का सबसे मार्मिक स्थल कौन-सा है और क्यों?
उत्तर : “सुखी राजकुमार” का सबसे दिल को छूने वाला क्षण वह है जब कूड़ेदान में राजकुमार की मूर्ति का हृदय और गौरैया की लाश एक साथ पड़ी होती है। राजकुमार ने अपने जीवन में अपनी पूरी संपत्ति और खुशियाँ लोगों के लिए त्याग दी थीं, लेकिन अब वह सब कुछ खत्म हो चुका था। अपने जीवन की अंतिम परिणति में वह कूड़ेदान में पडे़ थे, जहाँ उनकी पूरी आस्था और त्याग को कोई भी देख नहीं रहा था। यह दृश्य वास्तव में गहरी उदासी और संवेदना का प्रतीक बन जाता है।
प्रश्न : 6. ‘सुखी राजकुमार’ कहानी के संवादों की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर : “सुखी राजकुमार” में कहानीकार ने वर्णन को न्यूनतम रखा है और अधिकतर संवादों तथा स्थितियों के माध्यम से कहानी को पेश किया है। राजकुमार के संवादों में कभी आदेश का भाव नहीं होता, बल्कि वे हमेशा विनम्र अनुरोध और आत्मीय आग्रह करते हैं। उनके संवाद छोटे, सरल, और प्रभावी होते हैं, जो न सिर्फ़ कथानक को आगे बढ़ाते हैं, बल्कि पात्रों के व्यक्तित्व को भी उभारते हैं। ये संवाद कथावस्तु के महत्वपूर्ण पहलुओं को स्पष्ट करते हैं, साथ ही वातावरण की रचना भी करते हैं और उस पर अपनी टिप्पणी भी प्रस्तुत करते हैं।
प्रश्न : 7. कहानी में विरोधी स्थितियों के वर्णन के पीछे कहानीकार का क्या उद्देश्य है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : कहानीकार का उद्देश्य यह दिखाना है कि एक ओर अमीर वर्ग है, जो भोग-विलास की ज़िंदगी जी रहा है, जबकि दूसरी ओर गरीब वर्ग ऐसे अमानवीय हालात में जीने के लिए मजबूर है। इसके साथ ही, यह भी उजागर होता है कि अमीर वर्ग इस गरीब वर्ग के प्रति कितनी अंसवेदनशीलता दिखा रहा है, और उसे अपनी संपत्ति और सुख-सुविधाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता। यह विरोधाभास समाज की असमानता और बेरुखी को स्पष्ट रूप से सामने लाता है।
प्रश्न : 8. ईश्वर द्वारा राजकुमार और गौरैया को स्वर्ग में स्थान देने की बात से कहानीकार क्या संदेश देना चाहता है?
उत्तर : कहानीकार का उद्देश्य यह दिखाना है कि समाज में एक गहरी खाई है। एक तरफ अमीर वर्ग है, जो भोग-विलास और आरामदायक जिंदगी जी रहा है, तो दूसरी तरफ गरीब तबका है, जो अमानवीय परिस्थितियों में जीने के लिए मजबूर है। इस कहानी में यह भी स्पष्ट होता है कि अमीर वर्ग गरीबों की तकलीफों के प्रति कितना असंवेदनशील और उदासीन है।
प्रश्न : 9. राजकुमार की आँख का नीलम पाकर तरुण कलाकार कहता है- “ओह, मालूम होता है, लोग मेरा मोल आँक रहे हैं। यह शायद किसी बड़े भारी प्रशंसक ने भेजा है।” यदि आप इस कलाकार से कुछ कह पाते, तो क्या कहते और क्यों? विस्तार से लिखिए।
उत्तर : मैं कलाकार से कहता कि अब तुम अपनी पूरी क्षमता और विश्वास के साथ अपना नाटक लिखो। अब पैसों की कमी तुम्हारे कला के रास्ते में रुकावट नहीं बनेगी। लेकिन तुमसे भी एक वादा चाहिए—जब भी तुम्हें किसी जरूरतमंद की मदद करने का मौका मिले और तुम उस समय उनकी मदद करने में सक्षम हो, तो तुम्हें उनकी सहायता जरूर करनी होगी।
प्रश्न : 10. सरल संयुक्त और मिश्र वाक्यों का एक-एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर :
सरल वाक्य:
मैं जीवित था।
दक्षिण देश के लोग मेरी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
मिश्र वाक्य:
जब मेरे वक्ष में मनुष्य का हृदय धड़कता था, तब मुझे आँसुओं का अनुभव नहीं हुआ था।
मैं आनंद-महल में रहता था, जहाँ दुख को आने की अनुमति नहीं थी।
संयुक्त वाक्य:
दिन में मैं अपने उद्यान में आनंद करता था और रात को नृत्य करता था।
मैंने जीवन जिया और फिर मृत्यु को प्राप्त हुआ।